वर्ष 2014 की लिखी एक कविता जो कहीं खो गयी थी आज लिखी मिल गयी । एक माँ को उसके बेटे की वर्षगांठ समारोह पर भेंट की थी । उम्मीद है आप सभी को भी दिल से पसन्द आएगी । माँ होना सौभाग्य भी है, उपलब्धि भी है और कठोर संघर्ष के उपरांत मिली एक सफलता भी है। किसी ने सही ही बताया है कि काफी हड्डियों के टूटने के दर्द को सहकर वह एक नन्हे से बालक को इस दुनिया में लाती है लेकिन आज कि आधुनिक माँ थोड़ी सी अलग ही प्रवृति की ओर जा रही हैं जिसके लिए एक निष्पक्ष जागृति की शब्दों की काव्य माला का सृजन हुआ । उम्मीद करते हैं जन-जन तक यह सार्थक संदेश पहुंचाने में यह कविता अहम रोल अदा करेगी ।
नन्हें की माँ से है आज एक गुजारिश
ज्यादा कुछ नहीं बस एक छोटी सी सिफारिश
आज से एक नवजीवन की शुरुआत करे
वर्षगांठ के साथ कुछ और बातें याद करे
बच्चे का पालन बहुत बड़ी उपाधि है ।
किसी ने निभाई पूरी तो किसी ने निभाई आधी है ।
उसे ऐसे ऐसे संस्कार सिखाना
सफल हो उसका इस धरा पर आना
उसकी सोच को तुम शिखर तक पहुँचाना
सीख ले वो हर बाधा को पार कर जाना
ऐसे ऐसे वो प्रयास करे
खुद भी हो विकसित , समाज का भी विकास करे
कर्मों से समाज की शान बने
आपके गर्व का प्रमाण बने
माँ की उपाधि बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ।
पर आजकल दुनिया इससे भागती जा रही है
इरादा नहीं किसी अच्छी माँ पर कटाक्ष करूँ
पर कोशिश है कि सोई माँ को जगाने का प्रयास करूँ ।
आज की पीढ़ी आधुनिक होती जा रही है
हमारी सभ्यता को डुबोती जा रही है
बन जाये आपका नन्हा कुल का वारिस
ज्यादा कुछ नहीं बस एक छोटी सी सिफारिश है
आज से एक नवजीवन की शुरुआत करे
हर वर्षगांठ पर ये सब बातें याद करे
कृष्ण मलिक अम्बाला
2 Comments
अति उत्तम Free Song Lyrics
ReplyDeleteThanks for comment. Kindly watch all other poetry and give your precious feed back.
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