अर्ज किया है खुश करता हूँ खुशी से उनको जिनको खुश करना बस में लगता है हो जाता हूँ बदनाम अक्सर उनकी नज़रों में जिन्हें मुझे समझना मुश्किल लगता है।
एक भिखारी था ऐसा दिखता वर्षों से थके जैसा चेहरे पर मेहनत का नूर था फिर भी क्यों बेबसी से चूर था शायद वो किसी बाप का बेटा था जो शायद उम्मीदों से हार…
तजुर्बे का अगर अद्भुत संजोग है बुढ़ापा तो समझिए जीवन का एक रोग भी है बुढ़ापा इस समय में इंसान बेबसी के दौर से इस कदर गुजरता है । जवानी सा जोर नहीं रहत…