अर्ज किया है
निकले थे किसी वक़्त तलाश की तलाश में
जागे थे अरमान कुछ वक्त इस लाश में
अनुभव ने निचोड़ दिया ऐसा जालिम
दिल ने कहा घर पर ही रहता काश मैं
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