राखी पर एक सटीक पोस्ट/RAAKHI POETRY


बंधवा कर राखी तुझसे ओ मेरी बहना 






सभी बहनों को इस भाई की तरफ से रक्षाबंधन की प्रस्तुति ।


उम्मीद है सभी बहनें प्यार बरसायेंगीं।??????????

बंधवा कर राखी तुझसे ओ मेरी बहना ।भाई चाहता है तुझसे कुछ कहना । बेशक पड़े तुझे पराये घर में रहना ।पर हर गम को तूने , ख़ुशी से है सहना ।शिष्टाचार की तुम मूरत बनो ।सभ्यता की असली सूरत बनो ।तेरे चाल चलन पर हो गर्व मुझे ।हर कोई कहने को तरसे , बहन तुझे ।आधुनिकता के जाल में तुम मत फंसना ।न देखना पड़े भाई को , तुझ पर जग हंसना ।तेरी सादगी का आदर और सत्कार करूँ ।हर मुसीबत में रक्षा तेरी , बारम्बार करूँ ।फर्ज के तराजू का सन्तुलन बना बढ़ते रहना ।बन जाए वाणी की मिठास , तेरे होंठों का गहना ।बंधवा कर राखी तुझसे ओ मेरी बहना …….तेरे ससुराल में तुझ पर मान करे हर कोई ।ढूंढने पर भी मिलने न पाये कमी तुझमे कोई ।मर्यादा में रहना , पति की बन कर रानी।तेरे संस्कार पर भी , बन जाये कोई कहानी।पाक कला से मुख न मोड़ना तुम ।फैशन के लिए नाता परिवार से न तोडना तुम ।टीवी की लत तेरा घर तोड़ सकती है ।फेसबुक और व्हाट्स एप्प भी रिश्ते मरोड़ सकती है ।नहीं बुरी है ये सब सहूलत , अगर सही प्रयोग करेगी।अगर फंस गयी इस बीमारी में , हर पल दुःख भोग करेगी।नारी है नारीत्व का कर शिंगार हर पल।पहचान पुरानी तुम भूलकर , भटक न जाना तुम आजकल ।तेरी क़ुरबानी पर फ़िदा हो बच्चे तेरे ।कर दे सच सब , ये ख्वाब सच्चे मेरे ।सास ससुर का आदर माँ बाप की तरह करती रहना ।चमके तेरे कर्म की खुशबू से , समाज का हर कोना ।बंधवा कर राखी तुझसे ओ मेरी बहना ।भाई चाहता है तुझसे बस यही कहना ।

सभी बहनों का राष्ट्र भाईकवि एवम् शायरकृष्ण मलिक अम्बाला हरियाणा ।Written on. 16.08.2016

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