वाह मेरा देश किधर जा रहा है ।


 

वाह मेरा देश किधर जा रहा है

आदमी की चादर है आधी , पैर दुगुने पसार रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है।            

पीएचडी वाले चलाते है दुकाने , चाय वाला देश चला रहा है


वाह मेरा देश किधर जा रहा है

कपड़ों की फैक्ट्री का हो मालिक जो

अपनी बेटी को सबसे कम कपड़ें पहना रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


पहले रुलाता था प्याज जिनको

आज उन्हें टीवी रुला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है

माँ बाप पढ़े चारपाई पर , बेटी को सपनों की जिद अड़ा रहा है।


वाह मेरा देश किधर जा रहा है

वंश चलाएगा बेटा जो

नशे में खुद को डूबा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


बेटी का पढ़ना है जरूरी माना

पर कौन सा सिलेबस फर्जों से दूर भगा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है |


दुपट्टा सलवार कमीज पहचान थी जिसकी

आज जीन्स और टॉप खूब फैशन चला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


रखी हो मर्यादा कॉलेज में जिस बेटी ने कपड़ों की

समाज उसे ही भैंजि बतला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


तरक्की की राग धुन में

संस्कृति का गला घोटता जा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


जो गाता था गीत देश की शान से

आज वही देश के बारे उलटे बोल गुनगुना रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


पैसा ही बन गया प्यास हर आदमी की

भाई भाई में फूट डलवा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


माँ जा रही नौकरी शोंकीया

पीछे शिशु माँ माँ चिल्ला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


आदमी ने बना लिए चेहरे अनेकों

दान को नहीं रुपया एक , संस्थाओं से फूलों के हार पहनवा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


स्वच्छता का राग सुना दो साल से

Waste मैनेजमेंट का रास्ता नजर रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


फिल्मों ने दिखा दिया पूर्ण नीचता को

बेटा बाप के सामने ही इमरान हाश्मी चला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


पढ़ाई करता है देश में कोई

पैसा विदेशों में कमा रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


सब्र हुआ खत्म बिलकुल

कैसे भी करके , बस झटपट हर कोई

पैसा कमा रहा है।

वाह मेरा देश किधर जा रहा है


फैशन का बुखार

नंगापन ला रहा है

थक गयी कलम दर्दे बयां करते करते।


लिख दिए लफ्ज बेशक आंसू भरके

कतरा कतरा मेरे दिल का यही चिल्ला रहा है

वाह मेरा देश किधर जा रहा है

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