तभी मिलेगा लेखनी को सुकून
अंग्रेजों ने अब तक भाषा की वफादारी दिखलाई है
अब बारी हमारी है
हिंदी को सरताज बनाना हमने
ऐसी करनी अब तयारी है
अब होगा हिंदी का बोलबाला हर ओर
नाचेंगे हिंदी के मोर सब ओर
जरा इस सरलता को अपनाइये तो
विदेशी को कुछ समय के लिए हटाइये तो
अपनी भाषा का महत्व जान जायेंगे
फिर कदर करनी इसकी जान जायेंगे ।
अब तो हमने मिलकर इतिहास रचाना है
हिंदी को विश्व भर में चमकाना है
कृष्ण मलिक अम्बाला..
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