Home
Terms and Conditions
Disclaimer
Privacy Policy
About us
Contact us
HOME
रचनाएं
_कविताएं
_जागृति लेख
_शायरी
_प्रेरक विचार
यूट्यूब विडिओ चैनल
हमें संपर्क करें
About us
Mega Menu
Documentation
_Web Documentation
_Video Documentation
Download This Template
Home
शायरी
शायरी (कठिनाइयों रुपी बंजर जमीं पर )
शायरी (कठिनाइयों रुपी बंजर जमीं पर )
Krishan malik
June 29, 2018
अर्ज किया है
कठिनाईयों रूपी बंजर जमीं पर
उम्मीदों का एक पौधा लगाइए तो
फिर जब मेहनत का पानी देकर
किस्मत रूपी फूल से
सफलता रूपी फल लगेंगे
तो आनंद रूपी उंगलियां चाटते रह जाओगे ।
Post a Comment
0 Comments
Categories
कविताएँ
49
शायरी
48
जागृति लेख
4
प्रेरक विचार
2
विद्यार्थी पिटारी
1
Categories
Facebook
Most Popular
Poetry on Father/पिता के नाम एक कविता/Fathers day Special
May 10, 2021
एक भिखारी था ऐसा
December 27, 2023
मिडल क्लास आदमी
February 08, 2024
Total Visitor
0 Comments