तू कर ए किस्मत मुझ पर कितनी अंगारों की बौछार।
जिद मेरी भी बना दूंगा इसे फूलों का त्यौहार ।
जिद मुश्किलों की है अगर मुझे हराने की ।
तो जिद मेरी भी है उन पर कामयाबी पाने की ।
हर पल हर सांस संघर्ष की कहानी रचूंगा ।
कभी न कभी तो जीत के मैदान में सजूंगा ।
हर पल है मुकाबला मेरा तुझसे ए किस्मत ।
तू अगर जीतने न दे , तो हार मैं भी मानू नहीं ।
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