ठानी है किस्मत ने मुझ पर अंगारे बरसाने की
ठानी है मैने भी उसे फूल बनाने की
जब शमा न हो पाई परवाने की
तो मुझे क्यों हो परवाह जग के याराने की
कोई लाख कोशिश करे मुझे नजरों से गिराने की
ठानी है मैंने भी उसे अपना बनाने की। ।।।
ठानी है किस्मत ने मुझ पर अंगारे बरसाने की
ठानी है मैने भी उसे फूल बनाने की
जब शमा न हो पाई परवाने की
तो मुझे क्यों हो परवाह जग के याराने की
कोई लाख कोशिश करे मुझे नजरों से गिराने की
ठानी है मैंने भी उसे अपना बनाने की। ।।।
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