आज इक पत्ता टहनी का टूट गया


 

जब कोई साथी दुनिया से विदा हो जाता है उन भावनाओं को दर्द रस में पिरोने के लिए एक छोटा सा प्रयास .. 

" आज इक पत्ता टहनी का टूट गया |

कोई अपना हमसे छूट गया |

नींद चैन सब लूट गया |

लगता रब हमसे रूठ गया ||

भोलेपन ने राज किया दिल पर मेरे |

लिए उसकी हंसी  ने हरदम फेरे |

अब तो उसका चेहरा भी कर बदसलूक गया |

नींद चैन सब लूट गया ||

आज इक पत्ता टहनी का टूट गया |

कोई अपन हमसे छूट  गया || " 

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