शायर अव्वल दर्जे का




 अर्ज किया है

नहीं हूँ शायर अव्वल दर्जे का 

कभी कभार लफ्जों से शरारत कर लिया करता हूँ

नहीं है तजुर्बा मुझ्र किताबों के लायक बनने का

बस टूटे फूटे शब्दों में रस भर लिया करता हूँ |

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