किसी को पाना ही इश्क़ नहीं

 



किसी को पाना ही इश्क़ नहीं जनाब

बिछुड़ के देखिये विरह के नशे में

कसम से शायरी आने लगती है।

किसी को खोना ही ही गम नहीं

उसके साथ रहकर भी दुखी हो सकते हो

कसम से रातों की नींद भी जाने लगती है

Post a Comment

0 Comments