धर्म के रखवालों से/DHARAM KE RAKHWALON SE

क्रिसमस के मौके पर एवम तुलसी पूजन के अवसर पर आपका ये हिन्दू भाई सर्व धर्म एकता का संदेश देते हुए ।
               


धर्म के रखवालों से करनी एक गुजारिश है ।
सभी धर्मों का करें वो आदर , करनी यही सिफारिश है ।

भगवन होते हैं एक , रूप हैं चाहे अनेक ।
क्यों कहते ये तेरा मेरा , क्यों करते तू अपने वाला देख ।

हिन्दू को मुस्लिम से , मुस्लिम को हिन्दू से
सिख को ईसाई से , ईसाई को सिख से
हिन्दू को ईसाई से , ईसाई को हिन्दू से
मुस्लिम को ईसाई से , ईसाई को मुस्लिम से
क्यों प्रेम नहीं त्योहारों पर ।
चल पड़े अपनी अपनी धुन में सभी ,
अपने धर्म के बाजारों पर ।

सभी धर्म हैं एक समान , सभी का सम्मान करो ।
सभी त्योहारों को मिल कर मनाओ , सभी से खुशियोंं को साँझा करो ।

हिन्दू कहे मुझे ईद से क्या , मुस्लिम कहे मेरी कौन सी दीवाली ।
सिख कहे मेरा कौन सा क्रिसमस , ईसाई कहे मेरी कैसी होली ।

एक दूसरे के त्योहारों में होना शरीक हंस कर
यही तो पहचान मेरे हिंदुस्तान की
जान लो बस तुम ये सब
ये है बात भारत की शान की

सभी तक यही है सन्देश पहुँचाना
सभी धर्मों का करना सम्मान सिखाना
मिलकर मनाओ क्रिसमस भी तुम
तुलसी पूजन का भी इतिहास बताना
गुरुपर्व भी अगले दिन है आता
शहीदों को है याद करवाना
पढ़कर ये सब प्यार की बातें
चिल्लाहट मूर्खता की वाजिब है ।
फिर भी एक बार तो मैंने करनी यही गुजारिश है ।
सर्व धर्म एकता के सन्देश की , हर कोने में करनी सिफारिश है ।
धर्मों के रखवालों से करनी एक गुजारिश है ।
सभी धर्मों का करें वो आदर , करनी यही सिफारिश है। 

©® कृष्ण मलिक अम्बाला

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